महात्मा गांधी सम्पूर्ण जीवन full Biography information about gandhi 2023

महात्मा गांधी (Biography) सम्पूर्ण कहानी :full information about gandhi 2023




महात्मा गांधी (Biography)

महात्मा गांधी (Mohan Das Karamchand Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ।उनकी पढ़ाई संदर्भ और कोच्रविद्यालय, पोरबंदर, राजकीय विश्वविद्यालय, भावनगर और लंडन के विश्वविद्यालय के माध्यम से हुई। उन्होंने विशाल विषयों में स्नातक की डिग्री हासिल की और वकील के रूप में अधिकारिक पढ़ाई पूरी की।महात्मा गांधी ने अपने जीवन में विभिन्न कार्यों में योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह की अनूठी तकनीक विकसित की, जिसे वे अहिंसा के माध्यम से अपनाते थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के अनेक आंदोलनों के नेता रहे।महात्मा गांधी की बातचीत, सत्याग्रह, अहिंसा और धर्मनिरपेक्षता पर उनका विश्वास उनके अच्छाई का प्रमाण हैं। उन्होंने दारिद्रता के मुद्दे पर जोखिम उठाया, महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ी, और सामाजिक बदलाव के लिए प्रयास किया।गांधीजी को क्रांतिकारी के रूप में मान्यता दी जाती हैं, जो अपने अद्वितीय विचारधारा और अहिंसा के प्रयोग से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।महात्मा गांधी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में हुई। उन्होंने एक नाथूराम गोडसे द्वारा किये गए गोली वाले हमले में अपना प्राण त्याग दिया।


महात्मा गांधी के प्रमुख स्लोगन:

"अंधकार को मिटा दो, दीप को जलाओ" (Be the change you wish to see in the world)
"सत्य और अहिंसा की पराकाष्ठा में बढ़ो" (In a gentle way, you can shake the world)
"जब तक तुम महान हो नहीं जाते, तब तक तुम्हारे पास बड़े कार्य करने की संभावना है" (Almost everything you do will seem insignificant, but it is important that you do it)


महात्मा गांधी का प्रारम्भिक जीवन:

कम आयु में विवाह:

महात्मा गांधी ने 13 साल की आयु में कस्तूरबा के साथ विवाह किया।


विदेश में शिक्षा और विदेश में ही वकालत:

उन्होंने अंग्रेजी स्नातक की पढ़ाई लंदन के आधिकारिक प्रशिक्षण स्थानों में हासिल की और उन्होंने वकालत की प्रशिक्षण भी लंदन में ही प्राप्त की।


दक्षिण अफ्रीका (1893-1914) में नागरिक अधिकारों के आन्दोलन:

महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए भारतीय नागरिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने वहां में अपने अधिकारों के लिए सत्याग्रह का प्रयोग किया।


१९०६ के ज़ुलु युद्ध में भूमिका:

महात्मा गांधी ने १९०६ के ज़ुलु युद्ध में भी अपनी भूमिका निभाई, जिसमें वे भारतीय समुदाय की सुरक्षा के लिए लड़े।


भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए संघर्ष (१९१६-१९४५):

महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अनेक आंदोलनों में नेतृत्व किया, जैसे कि चंपारण और खेड़ा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, स्वराज और नमक सत्याग्रह (नमक मार्च), दलित आंदोलन, द्वितीय विश्व युद्ध और भारत छोड़ो आंदोलन। उन्होंने भारत की आजादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया।


मौत:

महात्मा गांधी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में हुई। उन्होंने एक नाथूराम गोडसे द्वारा किए गए गोली वाले हमले में अपना प्राण त्याग दिया।



गांधी के सिद्धांत:

सत्य (Truth):

गांधी ने सत्य को अपने जीवन का मूल्य माना और सत्य के प्रयोग को अपने जीवन का मार्ग चुना। उन्होंने यह मान्यता रखी कि सत्य हमेशा विजयी होता है और हमें सत्य पर आधारित रहना चाहिए।


अहिंसा (Nonviolence):

गांधी ने अहिंसा को अपना मूल्य माना और उन्होंने अहिंसा का प्रयोग अपने सत्याग्रह आंदोलनों में किया। उन्होंने समस्त हिंसा से परहित करने का प्रयास किया और सभी लोगों की अधिकारिक और अधिकृत आवाज को सुनने की मांग की।


शाकाहारी रवैया (Vegetarianism):

गांधी ने शाकाहारी रवैया को अपनाया और उन्होंने मांसाहारी भोजन का त्याग किया। उन्होंने शाकाहारी आहार का प्रशंसा की और उसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा माना।


ब्रह्मचर्य (Celibacy):

गांधी ने ब्रह्मचर्य को अपना जीवन का मार्ग चुना। उन्होंने अपनी जीवन के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन किया, जिसका अर्थ है उन्होंने विवाहित जीवन को छोड़ दिया और ब्रह्मचर्य की शक्ति और नियमों को पालन किया।


सादगी (Simplicity):

गांधी ने सादगी को अपना जीवन का मूल्य माना। उन्होंने अपनी जीवनशैली को सरल और निर्मल बनाया और निराले और अलंकृत चीजों का त्याग किया।


विश्वास (Faith):

गांधी ने विश्वास को अपना मूल्य माना। उन्होंने ईश्वर, मानवता और स्वयं के विश्वास को महत्व दिया। विश्वास की शक्ति को उन्होंने अपने कार्यों में प्रदर्शित किया।


सन्दर्भ (References):

गांधी ने अपने सिद्धांतों को भारतीय और विदेशी धार्मिक और दार्शनिक सन्दर्भों से प्राप्त किया। उन्होंने विभिन्न प्राचीन ग्रंथों और सन्दर्भों का उपयोग करके अपने सिद्धांतों की आधारशिला रखी।



लेखन कार्य एवं प्रकाशन:

पत्रिकाएँ:

महात्मा गांधी ने कई पत्रिकाओं के लिए लेखन कार्य किया। कुछ प्रमुख पत्रिकाएं उनकी लेखनी में शामिल हैं।



प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें:

महात्मा गांधी ने कई पुस्तकें लिखी और प्रकाशित की। नीचे कुछ प्रमुख पुस्तकों का उल्लेख किया गया है:


    • हिंद स्वराज (Hind Swaraj)
    • दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास (The Story of My Experiments with Truth)
    • सत्य के प्रयोग (आत्मकथा) (Satyagraha in South Africa)
    • गीता माता (Mother Gita) 
    • सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय (Collected Works of Mahatma Gandhi)
    • अन्य (Other)



गांधी पर पुस्तकें:

महात्मा गांधी पर कई पुस्तकें भी लिखी गईं हैं, जो उनके जीवन, विचार और कार्यों पर आधारित हैं।


कथित समलैंगिक प्रेम संबंध:

महात्मा गांधी के जीवन में कथित समलैंगिक प्रेम संबंध की बातों पर भी विवाद चर्चा हुई है। कुछ लोग इस पर पुस्तकें लिखी हैं, जो उन्हें समर्थन देती हैं या उन्हें खंडन करती हैं।


गांधी और कालेनबाख:

गांधी और कालेनबाख के बीच एक पत्रावली का मान्यतापूर्ण विवाद हुआ है। इस पत्रावली में उनके आपसी संवाद के विषयों पर चर्चा हुई, जिसने विवाद पैदा किया है।


अनुयायियों और प्रभाव:

महात्मा गांधी के विचारों और आंदोलनों के चलते उनके बहुत सारे अनुयायी और प्रभावशाली व्यक्ति हुए। उनकी सोच और आंदोलन देश और विश्व में गहरा प्रभाव डाले।


विरासत:

महात्मा गांधी ने अपनी महान विरासत के माध्यम से देश और विश्व को अनमोल धरोहर छोड़ी है। उनके विचारों, सिद्धांतों, और आंदोलनों की विरासत आज भी जीवित है और लोगों को प्रेरित करती है।



आदर्श और आलोचनाएँ:

1 विभाजन की संकल्पना:

महात्मा गांधी को विभाजन की संकल्पना पर आलोचना मिली, क्योंकि उन्होंने भारत को एक अखण्ड राष्ट्र के रूप में देखा था। उनके विचारों में भारत की समानता, विविधता, और आपसी सहयोग का महत्व था।


2 हिंसक प्रतिरोध की अस्वीकृति:

महात्मा गांधी ने हिंसक प्रतिरोध को स्वीकार नहीं किया और उसे अस्वीकृति की ओर प्रेरित किया। उन्होंने अहिंसा को अपने सत्याग्रह के माध्यम से शक्तिशाली और परिणामकारी तरीके की ताकत के रूप में स्वीकारा।


3 दक्षिण अफ्रीका के प्रारंभिक लेख:

महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने प्रारंभिक लेखों के माध्यम से अपार्थित व्यवस्था, असमानता और आपातकालीन व्यवहार का खंडन किया। उन्होंने सत्याग्रह की शुरुआत भी दक्षिण अफ्रीका में ही की थी।


4 राज्य विरोधी:

महात्मा गांधी को राज्य के विरोधी कहा गया है, क्योंकि उन्होंने अशांति, अधिकारों के उत्पीड़न और न्याय की कमी के मुद्दों पर उठाव किया। उनके सिद्धांतों के अनुसार, राज्य की सेवा जनता के लिए होनी चाहिए।



गांधी जी की आलोचना:

महात्मा गांधी पर उनके विचारों, आंदोलनों और नीतियों के मामले में आलोचना की गई है। इसके पीछे विभिन्न कारण हैं, जैसे समाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मामले।



सत्याग्रह:

1 निष्क्रिय प्रतिरोध और सत्याग्रह में अन्तर:

महात्मा गांधी ने निष्क्रिय प्रतिरोध को सत्याग्रह से अलग किया। निष्क्रिय प्रतिरोध में लोगों को किसी नियम या अधिकार के खिलाफ विरोध करने के लिए कहा जाता है, जबकि सत्याग्रह में उन्होंने लोगों को अपने सत्य के लिए लड़ने और अहिंसा के माध्यम से परिणाम प्राप्त करने का प्रेरणा दिया।


2 सत्याग्रही के गुण:

महात्मा गांधी ने सत्याग्रही के गुणों को महत्वपूर्ण माना। इनमें सहिष्णुता, सहजता, धैर्य, साहस, और समर्पण शामिल हैं।



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